महत्वाकांक्षी एसएमईस के लिए उत्कृष्टता केंद्र
आईएफसीआई लिमिटेड ने महत्वाकांक्षी एसएमई के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के निर्माण के लिए भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संघ (फिसमे) के साथ सहयोग किया है, ताकि एसएमई को बढ़ने में मदद करने के लिए सहायता प्रदान की जा सके। आईएफसीआई और फिसमे की साझेदारी का दोहरा लाभ यह हुआ कि एसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों की गहरी समझ आई, खासकर इक्विटी और ऋण के रूप में पर्याप्त वित्त तक पहुंच और बड़े आउटरीच के संबंध में। भारत में अधिकांश एसएमईस बाहरी इक्विटी लाने या एसएमई एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने के दीर्घकालिक विकास लाभों से अवगत नहीं हैं। इक्विटी के अलावा, एसएमई की एक बड़ी अनसुलझी समस्या ऋण आवश्यकता पूर्ण न होना है। इसलिए, आईएफसीआई और फिसमे ने एक समर्पित तंत्र की आवश्यकता महसूस की है जो मुख्य रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों की सहायता कर सके और उनकी क्षमता का निर्माण कर सके ताकि उन्हें क्रमशः मध्यम उद्यमों और बड़े कॉरपोरेट्स में आसानी से परिवर्तित किया जा सके। आईएफसीआई और फिसमे द्वारा परिकल्पित महत्वाकांक्षी एसएमई के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) एसएमईस को बढ़ने में मदद करने के लिए सहायता सेवाएं प्रदान करेगा। इसमें संसाधन जुटाना, भागीदारी को सुविधाजनक बनाना, संयुक्त उद्यम आदि शामिल होंगे। 17 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वित्त मंत्रालय के आईएएस सचिव (एफएस) डॉ. विवेक जोशी और एसएमई क्षेत्र और पूंजी बाजार से जुड़े अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हुए।
Making Aspiring Small & Medium Enterprises ready for External Equity - A Handbook.pdf